🐿एक गिलहरी रोज अपने काम पर समय से आती थी और अपना काम पूरी मेहनत और ईमानदारी से करती थी❗
गिलहरी जरुरत से ज्यादा काम कर के भी खूब खुश थी❗क्यों कि उसके मालिक, जंगल के राजा शेर ने उसे दस बोरी अखरोट देने का वादा कर रखा था❗
गिलहरी काम करते करते थक जाती थी तो सोचती थी , कि थोडी आराम कर लूँ , वैसे ही उसे याद आता कि शेर उसे दस बोरी अखरोट देगा❗गिलहरी फिर काम पर लग जाती❗गिलहरी जब दूसरे गिलहरीयों को खेलते देखती थी, तो उसकी भी इच्छा होती थी कि मैं भी खेलूं , पर उसे अखरोट याद आ जाता, और वो फिर काम पर लग जाती❗
ऐसा नहीं कि शेर उसे अखरोट नहीं देना चाहता था, शेर बहुत ईमानदार था❗ऐसे ही समय बीतता रहा ….एक दिन ऐसा भी आया जब जंगल के राजा शेर ने गिलहरी को दस बोरी अखरोट दे कर आज़ाद कर दिया❗
गिलहरी अखरोट के पास बैठ कर सोचने लगी कि अब अखरोट मेरे किस काम के❓ पूरी जिन्दगी काम करते – करते दाँत तो घिस गये, इन्हें खाऊँगी कैसे❗
*यह कहानी आज जीवन की हकीकत बन चुकी है❗*
इन्सान अपनी इच्छाओं का त्याग करता है,पूरी ज़िन्दगी नौकरी, व्योपार, और धन कमाने में बिता देता है❗60 वर्ष की उम्र में जब वो सेवा निवृत्त होता है, तो उसे उसका जो फन्ड मिलता है, या बैंक बैलेंस होता है, तो उसे भोगने की क्षमता खो चुका होता है❗तब तक जनरेशन बदल चुकी होती है, परिवार को चलाने वाले बच्चे आ जाते है❗
क्या इन बच्चों को इस बात का अन्दाजा लग पायेगा की इस फन्ड, इस बैंक बैलेंस के लिये : –
*कितनी इच्छायें मरी होंगी❓*
*कितनी तकलीफें मिली होंगी❓*
*कितनें सपनें अधूरे रहे होंगे❓*
क्या फायदा ऐसे फन्ड का, बैंक बैलेंस का, जिसे पाने के लिये पूरी ज़िन्दगी लग जाये और मानव उसका भोग खुद न कर सके❗इस धरती पर कोई ऐसा अमीर अभी तक पैदा नहीं हुआ जो बीते हुए समय को खरीद सके❗
इस लिए हर पल को खुश होकर जियो व्यस्त रहो,पर साथ में मस्त रहो सदा स्वस्थ रहो❗
मौज लो, रोज लो❗ नहीं मिले तो खोज लो‼️
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Eye opening post, yes it’s happening every one.thanks for the sharing post.
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Thanks for reading
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That’s reality.. we will try from now to enjoy now don’t try to make future bright….keep posting ..well-done
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Yes ..we get so busy in life and forget to enjoy the current moments.It seems we always lives in the future.
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Yes,Hum sab life mein intne busy hai ke basics bhul gaye hai…dhanyawad for the reminder.
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Yes we keep forgetting basics.
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I really like – मौज लो, रोज लो नहीं मिले तो खोज लो
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Thanks for reading
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मौज लो, रोज लो❗ नहीं मिले तो खोज लो—-बहुत बढ़िया—चिंता करने से कुछ मिलनेवाला नही।
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Thanks Madhusudan jee
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Wonderful article. It brings serious thought in our mind about the way we live today and how would be our future.
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Thats correct,thanks for reading.
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पेसौ के पीछे अपनी इस खूबसूरत ज़िन्दगी को बर्बाद न करे। कमाओ , खाओ ,पीओ,ओर मोज करो ।
यही ज़िन्दगी है!!! Bhut acha …
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Thanks for reading and life is precious.
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Well said. One of the great ironies of our times. In an effort to become more independent, we come more enslaved.
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Yes Ankur…
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