👦एक बेटे ने पिता से पूछा-
पापा.. ये ‘सफल जीवन‘ क्या होता है ??🤔🤔🤔
👴पिता, बेटे को पतंग🔶🔷 उड़ाने ले गए।
बेटा पिता को ध्यान से पतंग उड़ाते देख रहा था…🤔
थोड़ी देर बाद बेटा बोला-
पापा.. 😌ये धागे की वजह से पतंग और ऊपर नहीं जा पा रही है, क्या हम इसे तोड़ दें !! ये और ऊपर चली जाएगी…🙂🙂
👴😌😮पिता ने धागा तोड़ दिया ..
पतंग थोड़ा सा और ऊपर गई और उसके बाद लहरा कर नीचे आयी और दूर अनजान जगह पर जा कर गिर गई…💢♨
तब पिता ने बेटे को जीवन का दर्शन समझाया…🤔🙂👴
बेटा..
‘जिंदगी में हम जिस ऊंचाई पर हैं..
हमें अक्सर लगता की कुछ चीजें, जिनसे हम बंधे हैं वे हमें और ऊपर जाने से रोक रही हैं
जैसे :
– घर-⛪
– परिवार-👨👨👧👦
– अनुशासन-🏃
– माता-पिता-👪
– गुरू-और-👵
– समाज-
और हम उनसे आजाद होना चाहते हैं…😏😏😏
वास्तव में यही वो धागे होते हैं जो हमें उस ऊंचाई पर बना के रखते हैं..😮😮😮🤔🤔
‘इन धागों के बिना हम एक बार तो ऊपर जायेंगे परन्तु बाद में हमारा वो ही हश्र होगा जो बिन धागे की पतंग का हुआ…’🙂🙂🙂🙂
“अतः जीवन में यदि तुम ऊंचाइयों पर बने रहना चाहते हो तो, कभी भी इन धागों से रिश्ता मत तोड़ना..”😀😊
“धागे और पतंग जैसे जुड़ाव के सफल संतुलन से मिली हुई ऊंचाई को ही ‘सफल जीवन’ कहते हैं..”
Good lesson
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Thanks
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Nice one
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Thanks Rohit.
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